Tuesday, August 30, 2016
Monday, August 29, 2016
Sunday, August 28, 2016
एक बुज़ुर्ग ऑपरेशन टेबल पर लेटे थे। बड़ा ऑपरेशन होने वाला था
एक बुज़ुर्ग ऑपरेशन टेबल पर लेटे थे। बड़ा ऑपरेशन होने वाला था और ऑपरेशन उनका डॉ.दामाद करने वाला था। जब डॉ. दामाद आपरेशन थियेटर में आया तो बुज़ुर्ग ने बड़े प्यार से दामाद का हाथ पकड़ के कहा कि बेटा मैं जानता हूँ तुम मुझे कुछ नहीं होने दोगे । पर अगर कुछ अनहोनी हो गयी तो तुम्हारी सास तुम्हारे साथ ही रहेगी। उसका ध्यान रखना। . ऑपरेशन सफल रहा!
Friday, August 12, 2016
Dad – बेटा लस्सी पीयेगा? Kid – नही… Dad – बेटा दूध पीयेगा? ,,....hindi joke
Dad – बेटा लस्सी पीयेगा?
Kid – नही…
Kid – नही…
Dad – बेटा दूध पीयेगा?
Kid – नही…
Kid – नही…
Dad- बेटा जूस पीयेगा?
Kid – नही…
Kid – नही…
Dad – “बिल्कुल माँ पर गया है, लगता खून ही पीयेगा !!!”
माँ वहीँ बैठी थी, उससे रहा नहीं गया ….
Mom – बेटा एपल खाओगे?
Kid – नही…
Kid – नही…
Mom – बेटा आम खाओगे?
Kid – नही…
Kid – नही…
Mom – बेटा ऑरेंज खाओगे?
Kid – नही…
Kid – नही…
Mom – “बिल्कुल बाप पर गया है, चप्पल ही खाएगा !!!”
Thursday, August 11, 2016
सभी शादी शुदा भाइयों के अच्छे दिन आने वाले हैं .... hindi jokes
सभी शादी शुदा भाइयों के अच्छे दिन आने वाले हैं .... 😘
.
बीवियां मायके जाने वाली है.. 😜
राखी आने वाली है😁
और मोहल्ले की पुरानी सेटिंग आने वाली है . 😍 😘
😉 😜 😜
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बीवियां मायके जाने वाली है.. 😜
राखी आने वाली है😁
और मोहल्ले की पुरानी सेटिंग आने वाली है . 😍 😘
😉 😜 😜
Wednesday, August 10, 2016
एक सेठ जी थे – जिनके पास काफी दौलत थी. सेठ जी ने अपनी बेटी की शादी एक बड़े घर में की थी. परन्तु बेटी के भाग्य में सुख न होने के कारण उसका पति जुआरी, शराबी निकल गया. जिससे सब धन समाप्त हो गया.
एक सेठ जी थे –
जिनके पास काफी दौलत थी.
सेठ जी ने अपनी बेटी की शादी एक बड़े घर में की थी.
परन्तु बेटी के भाग्य में सुख न होने के कारण उसका पति जुआरी, शराबी निकल गया.
जिससे सब धन समाप्त हो गया.
बेटी की यह हालत देखकर सेठानी जी रोज सेठ जी से कहती कि आप दुनिया की मदद करते हो,
मगर अपनी बेटी परेशानी में होते हुए उसकी मदद क्यों नहीं करते हो?
सेठ जी कहते कि
“जब उनका भाग्य उदय होगा तो अपने आप सब मदद करने को तैयार हो जायेंगे…”
एक दिन सेठ जी घर से बाहर गये थे कि, तभी उनका दामाद घर आ गया.
सास ने दामाद का आदर-सत्कार किया और बेटी की मदद करने का विचार उसके मन में आया कि क्यों न मोतीचूर के लड्डूओं में अर्शफिया रख दी जाये…
यह सोचकर सास ने लड्डूओ के बीच में अर्शफिया दबा कर रख दी और दामाद को टीका लगा कर विदा करते समय पांच किलों शुद्ध देशी घी के लड्डू, जिनमे अर्शफिया थी, दिये…
दामाद लड्डू लेकर घर से चला,
दामाद ने सोचा कि इतना वजन कौन लेकर जाये क्यों न यहीं मिठाई की दुकान पर बेच दिये जायें और दामाद ने वह लड्डुयों का पैकेट मिठाई वाले को बेच दिया और पैसे जेब में डालकर चला गया.
उधर सेठ जी बाहर से आये तो उन्होंने सोचा घर के लिये मिठाई की दुकान से मोतीचूर के लड्डू लेता चलू और सेठ जी ने दुकानदार से लड्डू मांगे…मिठाई वाले ने वही लड्डू का पैकेट सेठ जी को वापिस बेच दिया.
सेठ जी लड्डू लेकर घर आये.. सेठानी ने जब लड्डूओ का वही पैकेट देखा तो सेठानी ने लड्डू फोडकर देखे, अर्शफिया देख कर अपना माथा पीट लिया.
सेठानी ने सेठ जी को दामाद के आने से लेकर जाने तक और लड्डुओं में अर्शफिया छिपाने की बात कह डाली…
सेठ जी बोले कि भाग्यवान मैंनें पहले ही समझाया था कि अभी उनका भाग्य नहीं जागा…
देखा मोहरें ना तो दामाद के भाग्य में थी और न ही मिठाई वाले के भाग्य में…
इसलिये कहते हैं कि भाग्य से
ज्यादा
और…
समय
से पहले न किसी को कुछ मिला है और न मीलेगा!
ईसी लिये ईशवर जितना दे उसी मै संतोष करो…
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